राहुल कसाना का कैबिनेट सचिवालय में फील्ड अस्सिटेंट के पद पर चयन
- infogurjarnirdesha
- Sep 4, 2024
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*दिन में ड्राइवर की नौकरी, रात में गॉर्ड की नौकरी और फिर भी 12 घंटे रोजाना पढ़ाई और आज कैबिनेट सचिवालय में बन गया फील्ड असिस्टेंट!!*

गाजियाबाद जिले के धारीपुर गाँव के युवा राहुल कसाना ने संघर्ष को अपने ही तरीके से पुनर्परिभाषित कर ड़ाला है। राहुल का संघर्ष युवा पीढ़ी के लिए एक अद्भुत प्रेरणा है जो युवा पीढ़ी को झकझोर रहा है कि हालात का रोना धोना बंद करिए।
घर की आर्थिक स्थिति कुछ ऐसी कि ड्राइवर की नौकरी से गुजारा होना मुश्किल था तो रात में गार्ड की नौकरी भी शुरू कर दी। लेकिन किताब हमेशा साथ रहीं। अगर घर पर एक घंटे का भी समय मिला तो सीधे गाँव की लाइब्रेरी में जा पहुँचे।
रोजाना का यह संघर्ष कई साल तक चलता रहा लेकिन राहुल ने न तो कभी हिम्मत हारी और न ही कभी ईश्वर से कोई शिकायत की।
आज अंततः राहुल के संघर्ष और जुनून की जीत हो ही गई।
वह पथ क्या,पथिक कुशलता क्या। जिस पथ पर बिखरे शूल न हों।
नाविक की धैर्य परीक्षा क्या ? जब धाराएं प्रतिकूल न हों।
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